
नीमच। पिता और पुत्री का रिश्ता बेहद पवित्र होता है। अपनी बेटी की सुरक्षा के लिए पिता किसी भी हद तक गुजरने को तैयार रहता है। लेकिन मध्य प्रदेश का एक जिला ऐसा है, जहां पिता अपनी ही बेटियों को देहव्यापार के दलदल में धकेलता है। इतना ही नहीं, उनके साथ हम बिस्तर होने के लिए ग्राहक भी खुद ही ढूंढकर लाता है। जब उनकी उम्र ढल जाती है और वे शारीरिक सुख नहीं दे पाती तो बेटियों को जायदाद से बेदखल भी कर देता है।
पिता के कहने पर बेटियों ने देह व्यापार में गंवाई जवानी
यह सब कुछ होता है नीमच के मनासा के हाड़ीपीपलिया गांव में। बाछड़ा समुदाय की महिलाओं ने पुलिस और कलेक्टर से अपनी पीड़ा बयां की है। उनका कहना है कि उन्होंने पिता के कहने पर अपनी पूरी जवानी देह व्यापार में गंवा दी। जब संपत्ति में हिस्सा मांगा तो बेदखल कर दिया गया।
उम्र ढलते ही मुर्गा काटकर किया बहिष्कृत
नीमच कलेक्टर हिमांशु चंद्रा को महिलाओं ने अपना दुख बताया है। उन्होंने कहा, “सालों तक समाज की कुरीति के मुताबिक इन महिलाओं से देह व्यापार करवाया गया था। उनके पिता ने ही उन्हें इस दलदल में धकेला था। जब उनकी उम्र ढल गई तब पिता से उन्होंने संपत्ति में हिस्सा मांगा। इसके बाद पंचायत बुलाकर पिता ने समाज के लोगों के साथ मुर्गा काटकर उन्हें बहिष्कृत कर दिया।”
बेटियों के जवान होते ही कमाना बंद कर देता है पिता
दरअसदल, हाड़ीपीपलिया गांव में रहने वाले बाछड़ा समुदाय के लोग देह व्यापार के लिए बदनाम हैं। यहां पिता अपनी बेटी के जवान होने पर कमाई करना बंद कर देता है। उनकी शादी कराने की जगह गंदे काम करने को मजबूर करता है। देह व्यापार करवाकर सारी कमाई रख लेता है।
कलेक्टर बोले- सख्त कार्रवाई होगी
कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने कहा कि ‘पंख’ अभियान के माध्यम से बाछड़ा समुदाय में जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है। इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी। समाज के लोगों को इसके गंभीर परिणामों के बारे में सचेत किया जाएगा।
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