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Masik Durgashtami 2025: मासिक दुर्गाष्टमी कल, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा नियम से लेकर व्रत पारण तक सबकुछ

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Mar 6, 2025    150824 views     Online Now 368

Masik Durgashtami 2025: हिंदू धर्म में हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है. मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना और व्रत किया जाता है. मां दुर्गा के उपासकों से लिए मासिक दुर्गाष्टमी बहुत महत्व रखती है. मान्यताओं के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा और व्रत करने से जीवन के सारे कष्ट दूर जाते हैं. जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है. फाल्गुल माह की दुर्गाष्टमी कल है. ऐसे में आइए जानते हैं इसका शुभ मुहूर्त, पूजा नियम से लेकर व्रत पारण तक के बारे में.

हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 6 मार्च यानी आज गुरुवार को सुबह 10 बजकर 6 मिनट पर हो चुकी है. वहीं इस तिथि का समापन कल शुक्रवार 7 मार्च को सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर हो जाएगा. हिंदू धर्म में उदया तिथि की मान्यता होती है. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस फाल्गुन माह की मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत कल रखा जाएगा.

मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि | Masik Durga Ashtami Puja Vidhi

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मासिक दुर्गाष्टमी के दिन प्रात: काल में स्नान कर लेना चाहिए. फिर साफ कपड़े पहनकर पूजा स्थल की सफाई करनी चाहिए. पूजा स्थल को पूरी तरह से शुद्ध करने के लिए गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए. फिर मां दुर्गा की प्रतीमा या तस्वीर रखनी चाहिए. उसके सामने दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. अगर कलश स्थापित कर सकें तो अवश्य करना चाहिए. फिर मां दुर्गा को लाल वस्त्र चढ़ाना चाहिए. मां को फूल, चंदन, रोली, अक्षत, सिंदूर, चूड़ी, कुमकुम और श्रृंगार का समान भी चढ़ाना चाहिए. दुर्गा सप्तशती या देवी कवच का पाठ करना चाहिए. मां दुर्गा के मंत्र जैसे ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे का 108 बार जाप अवश्य करना चाहिए. दुर्गाष्टमी पर हवन करना चाहिए. अंत में मां दुर्गा की आरती करनी चाहिए. फिर प्रसाद का वितरण करना चाहिए. पूरे दिन व्रत रखना चाहिए. शाम को फलाहार करना चाहिए.

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व्रत में क्या करें और क्या नहीं? | Vrat Me Kya Kare or Kya Nahi

मासिक दुर्गाष्टमी के दिन व्रत में सात्विक भोजन करना चाहिए. गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए. रात को जागरण करना चाहिए. इस दिन मांस, मछली, अंडे और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए. लाल रंग के वस्त्र न पहनने चाहिए. झूठ नहीं बोलना चाहिए. किसी को दुख नहीं देना चाहिए. क्रोध करने से बचना चाहिए. किसी के बारे में बुरा भला नहीं कहना चाहिए. अपने से बड़ों का अनादर नहीं करना चाहिए.

व्रत में क्या खाएं और क्या नहीं? | Vrat Me Kya Khaye or Kya Nahi

मासिक दुर्गाष्टमी के व्रत में सेब, संतरा, अंगूर, केला जैसे फलों का सेवन किया जा सकता है. मासिक दुर्गाष्टमी के व्रत में बली हुई या भाप में पकी हुई सब्जियां जैसे गाजर, शिमला मिर्च, बैंगन आदि खाई जा सकती हैं. व्रत में दूध और दही खाई जा सकती है. बादाम, काजू, किशमिश आदि सूखे मेवे का सेवन किया जा सकता है. कुट्टू के आटे से बई हुई खिचड़ी या पूड़ी खाई जा सकती है. सेंवई का हलवा या खीर भी इस व्रत में खाई जा सकती है. व्रत में भूल से भी चावल, गेहूं और दालें आदि अनाज न खाएं. मांसाहार न खाएं. प्याज और लहसुन का सेवन व्रत में वर्जित है. व्रत में नमक नहीं खाना चाहिए. इससे व्रत टूट जाता है.

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा | Masik Durga Ashtami Vrat Katha

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक समय में असुर बहुत शक्तिशाली हो गए. सारी धरती उनके अत्यातचारों से कांप उठी. स्वर्ग भी असुरों की नजर में आ गया. असुर स्वर्ग में चढ़ाई करने लगे. असुरों ने कई देवी-देवताओं की हत्या कर दी और स्वर्ग में हाहाकार मचाकर रख दिया. असुरों में सबसे ज्यादा शक्तिशाली महिषासुर था. उसने कठिन तपस्या की थी और वरदान पा लिया था कि उसे कोई भी देवता पराजित नहीं कर सकेंगे. इस वजह से भगवान शिव, जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु और ब्रह्मा जी ने महिसाषुर का अंत करने के लिए माता दुर्गा को बनाया. फिर सभी देवताओं ने माता दुर्गा को विशेष शस्त्र दिए. इसके बाद माता दुर्गा ने महिषासुर की सेना से युद्ध किया. माता दुर्गा ने युद्ध में सभी असुरों का वध कर दिया. अंत में उन्होंने महिसाषुर का भी वध कर दिया और धर्म की स्थापना की. उस दिन से ही दुर्गाष्टमी मनाई जाने लगी.

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मासिक दुर्गाष्टमी पर इन चीजों का करें दान | Masik Durga Ashtami Daan

मासिक दुर्गाष्टमी के दिन वस्त्रों का दान करना चाहिए. इस दिन वस्त्रों का दान करना बहुत ही शुभ होता है. इससे माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन गुड़ का दान करना चाहिए. इस दिन गुड़ का दान करने से जीवन के दुख दूर होते हैं और मनचाहे फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन शहद का दान करना चाहिए. इससे जीवन खुशहाल रहता है. इस दिन घी का दान करना चाहिए. इससे घर में संपन्नता बनी रहती है और ग्रहों का अशुभ प्रभाव कम होता है. इस दिन फल दान करना चाहिए. इससे बिमारी से मुक्ति मिलती है.

मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व | Masik Durga Ashtami Mahatva

मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा का पूजन और का व्रत करने से माता का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन जो भी सच्ची श्रद्धा और भक्ति से माता दुर्गा का पूजन और व्रत करता है मां उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. इस दिन पूजन औरव्रत करने से भय से मुक्ति मिलती है. शत्रुओं का नाश होता है. इस व्रत को करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है. सभी कार्यों में सफलता मिलती है. घर में धन वैभव की कभी कोई नहीं होती.

मासिक दुर्गाष्टमी के व्रत का पारण | Masik Durga Ashtami Vrat Paran

हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि मासिक दुर्गाष्टमी के व्रत का पारण व्रत की तिथि के अगले दिन किया जाता है. इसलिए मासिक दुर्गाष्टमी के व्रत का पारण अगले दिन सुबह स्नान और पूजा-पाठ करने के बाद सात्विक भोजन से ही करना चाहिए.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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