
भारत में 6327 रिवर डॉल्फिन
जितनी खूबसूरत दुनिया जमीन पर मौजूद है, उतनी ही अलग और सुंदर दुनिया नदी और समुद्रों में भी है. भारत में कुदरत का हर तरह का नजारा देखने को मिलता है. यहां पहाड़, नदियां और कई तरह के जानवर हैं तो नदियों और समुद्रों की भी अलग ही दुनिया मौजूद है. इस नदियों और समुद्री दुनिया में कई तरह की मछली और प्रजातियां पाई जाती हैं.
हाल में 3 मार्च को वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे मनाया गया है, इस मौके पर सामने आया कि भारत में 6 हजार 327 रिवर डॉल्फिन मछली हैं. सबसे ज्यादा डॉल्फिन उत्तर प्रदेश में हैं, वहीं रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे कम पंजाब में हैं.
कहां पर कितनी डॉल्फिन
देश में पहली बार इस बात को लेकर रिपोर्ट तैयार की गई है कि कितनी रिवर डॉल्फिन हैं. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को डॉल्फिन की संख्या के अनुमान को लेकर पहले आंकड़े जारी किए. भारत में 6,327 नदी डॉल्फिन हैं और उनमें से लगभग 90 प्रतिशत गंगा या उसकी सहायक नदियों में रहती हैं.
रिवर डॉल्फिन की जनसंख्या के अनुमान से पता चलता है कि उनमें से ज्यादातर लगभग 90 प्रतिशत या तो गंगा नदी या ब्रह्मपुत्र नदी में रहती है. सिर्फ तीन ही ब्यास नदी में पाई गई हैं. गंगा में 3,275 डॉल्फिन हैं, वहीं, गंगा की सहायक नदियों में 2,414, ब्रह्मपुत्र में 584, ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों में 51 और ब्यास नदी में 3 डॉल्फिन रहती हैं. इन डॉल्फिन की संख्या का आंकड़ा प्रोजेक्ट डॉल्फिन के तहत सामने आया है. प्रोजेक्ट डॉल्फिन इन प्रजाति को बचाने के लिए शुरू किया गया है.
किस चीज से तादाद होती है प्रभावित
रिवर डॉल्फिन का यह पहला आंकड़ा है. हालांकि, भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों ने 2018 में एक अध्ययन किया था. इस अध्ययन के मुताबिक 19वीं सदी के बाद से डॉल्फिन की प्रजातियों की संख्या में कम से कम 50-65% की गिरावट दर्ज की गई है. डॉल्फिन मानवजनित और प्राकृतिक खतरों से प्रभावित होती हैं, नदी में प्रदूषण के चलते भी इन्हें नुकसान पहुंचता है.
प्रधानमंत्री ने गुजरात के गिर में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद प्रोजेक्ट डॉल्फिन की रिपोर्ट जारी की. क्षेत्रों में स्थानीय आबादी और ग्रामीणों की भागीदारी से डॉल्फिन संरक्षण पर जागरूकता के महत्व पर जोर देते हुए, पीएम ने वन अधिकारियों को डॉल्फिन आवास क्षेत्रों में स्कूली बच्चों की एक्सपोजर विजिट आयोजित करने की सलाह दी.
गुजरात में वांतारा केंद्र का उद्धाटन
जहां पीएम मोदी ने डॉल्फिन को लेकर पूरे देश को आगाह किया और उनकी तादाद को लेकर रिपोर्ट सामने रखी. वहीं, पीएम ने गुजरात में वांतारा वन्यजीव बचाव, पुनर्वास और संरक्षण केंद्र का भी उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने वांतारा का दौरा भी किया. इस केंद्र में 2,000 से अधिक प्रजातियां और 1.5 लाख से अधिक बचाए गए जानवर रहते हैं. साथ ही जानवरों के लिए अस्पताल भी हैं और कई तरह की सुविधाएं मौजूद हैं.
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