
साउथ कोरिया में बच्चों की पैदाइश में बढ़त, क्या है वजह
साउथ कोरिया में गुड न्यूज…
साउथ कोरिया में पूरे 9 साल बाद गुड न्यूज सुनाई दी है. देश में बच्चों की पैदाइश में बढ़त दर्ज की गई है. पिछले लंबे समय से साउथ कोरिया घटती आबादी और दुनिया से गायब तक हो जाने के खतरे का सामना कर रहा था. आबादी को बढ़ाने के लिए हर तरह की मुमकिन कोशिश की जा रही थी, लेकिन अब मानो सरकार के कदम और मेहनत रंग लाई हो.
साल 2024 में साउथ कोरिया की सांख्यिकी एजेंसी ने बताया कि देश में 2 लाख 38 हजार 300 बच्चे पैदा हुए हैं. साल 2023 की तुलना में 8 हजार 300 बच्चे ज्यादा पैदा हुए हैं. वहीं, साल 2023 में 2022 के मुकाबले 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी. 2024 में 0.75 महिलाओं का प्रजनन दर रहा जोकि 2023 में 0.72 था.
साउथ कोरिया ने ली राहत की सांस
चीन, जापान समेत कई देश इस समय घटते बर्थ रेट का सामना कर रहे हैं. आबादी का लगातार घटते जाना खतरे की घंटी बन गया है. इसी बीच साउथ कोरिया के लिए आबादी में इजाफा होना एक राहत की सांस लेने के बराबर है. देश में पिछले कई सालों से आबादी घटती जा रही है. यहां तक की कपल बच्चे पैदा करना नहीं चाहते हैं और महिलाएं शादी और बच्चे पैदा करने से बचती नजर आती हैं. इसी के चलते सरकार ने कई तरह की पॉलिसी शुरू की थी, जिनका जादू अब चल गया है, लेकिन सवाल अभी भी वही है कि क्या आने वाले सालों में अब बर्थ रेट सामान्य स्तर पर पहुंचेगा?
साल 2024 में साउथ कोरिया की प्रजनन दर 2015 में 1.24 से लगातार गिरावट के बाद, 2023 में 0.72 से बढ़कर 0.75 बच्चे प्रति महिला हो गई है. सांख्यिकी कोरिया के अनुसार, क्रूड जन्मदर – प्रति 1,000 लोगों पर पैदा होने वाले शिशुओं की संख्या – 4.7 थी, जो 2014 के बाद से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही थी.
क्यों घट रहा था बर्थ रेट?
पिछले कई समय से हम लगातार इस बारे में बात कर रहे हैं कि साउथ कोरिया की आबादी घटती जा रही है. बर्थ रेट 1 तक पहुंचाने के लिए मेहनत की जा रही है. दरअसल, देश में घटती आबादी की सबसे बड़ी वजह क्वालिटी ऑफ लाइफ का ख्वाब देखना है. घर से लेकर, बच्चों के पालन-पोषण की बढ़ती लागत के चलते महिलाएं अपने करियर पर ज्यादा फोकस करती हैं. इसी के चलते देश की 51 मिलियन की आबादी इस सदी के अंत तक आधी होने की राह पर थी.
कैसे बड़ी साउथ कोरिया की आबादी?
साउथ कोरिया में महिलाएं अपने करियर पर ज्यादा ध्यान दे रही थीं और क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए शादी से बच रही हैं. साथ ही बच्चे पैदा करना भी उनके लिए मुश्किल बनता जा रहा है. देश में न सिर्फ बर्थ रेट घट रहा था, बल्कि लोग शादी भी नहीं कर रहे थे. लेकिन अब पैदाइश में बढ़त में सबसे अहम रोल शादी ने ही निभाया है.
साउथ कोरिया की तरफ से सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 के समय कई लोगों ने शादी नहीं की, उनकी शादी टल गई थी. इसी के बाद अब एक बार फिर लोग शादी कर रहे हैं. शादी के रेट में बढ़त हुई है और इस बढ़त के पीछे सरकार की नीतियां हैं.
साल 2023 में पूरे 12 सालों के बाद देश में शादी का रेट बढ़ा था. इसी के बाद 2024 में इस में और भी बढ़त दर्ज की गई है. पिछले साल के सरकारी सर्वे के मुताबिक, 52.5% साउथ कोरियाई लोगों ने शादी के बारे में पॉजिटीव विचार सामने रखे हैं, जो 2014 के बाद से सबसे ज्यादा है.
सांख्यिकी कोरिया के एक अधिकारी पार्क ह्यून-जंग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, देशवासियों का शादी और बच्चे के जन्म के बारे में अधिक सकारात्मक विचार पैदा हुए हैं. साथ ही सामाजिक मूल्य में बदलाव आया है. 30 साल की अधिक उम्र से लोग देश में शादी कर रहे हैं.
यह मापना मुश्किल है कि किस चीज ने नए जन्मों को प्रभावित किया. किस एक कदम की वजह से देश में यह बढ़ोतरी दर्ज की गई, लेकिन प्रत्येक वजह ने नए जन्मों में वृद्धि में योगदान दिया है, लेकिन बर्थ रेट को बढ़ाने के लिए उठाए गए सभी कदम का एक-दूसरे पर प्रभाव पड़ा है.
सरकार के किस कदम ने किया कमाल
पिछले साल, अब महाभियोग के शिकार राष्ट्रपति यूं सुक-योल ने राष्ट्रीय जनसांख्यिकीय संकट से निपटने के लिए एक नए मंत्रालय का प्रस्ताव रखा, जिसका मकसद देश के बर्थ रेट को बढ़ाना था.
इसी के चलते कई पॉलिसी में बदलाव किया गया है. देश में बच्चे के पैदा होने के लिए माता-पिता को 3 महीने की छुट्टी दी जाती थी और इस दौरान उनको पूरी सैलरी मिलती थी, लेकिन पिछले दिनों उन्हें बदलाव में बदलावों में कर्मचारियों को अधिकतम 6 महीने के लिए पूरी सैलरी देने की नीति बनाई गई. इसी के साथ बच्चे की परवरिश करने के लिए पेरेंट्स अधिकतम 1 नहीं बल्कि अब डेढ़ वर्ष तक छुट्टी ले सकते हैं.
सरकार ने इस साल तीन फोकस क्षेत्रों में 19.7 ट्रिलियन वॉन ($13.76 बिलियन) खर्च करने की भी योजना बनाई है, जिसमें 2024 के मुकाबले 22 प्रतिशत ज्यादा राशि खर्च की जा रही है. साउथ कोरिया की एक महिला नाम ह्यून-जिन (35) जिनकी पिछले साल अगस्त में दूसरी बेटी हुई थी उन्होंने कहा कि उन्होंने अब लोगों में बच्चों को शादी को लेकर एक सोशल बदलाव देखा है. उन्होंने आगे कहा कि यह बदलाव बड़े पैमाने पर सरकार की व्यापक नीति और लगातार कोशिशों की वजह से सामने आया है.
क्या बढ़ती रहेगी आबादी?
इसी बीच एक सवाल खड़ा होता है कि क्या देश में जो आबादी में यह बढ़त दर्ज की गई है वो आगे बरकरार रहेगी? आने वाले सालों में अब बर्थ रेट बढ़ेगा? इस के जवाब में सामने आया है कि देश में आने वाले समय में शादी का रेट घट सकता है.
इसी के साथ एक और मुद्दा यह है कि कोरिया युवाओं को उस तरह की आर्थिक स्थिरता नहीं देता है जिसकी उन्हें परिवार के लिए तैयारी करने के लिए जरूरत होती है. पिछले दिसंबर तक, 411,000 युवा कोरियाई (उम्र 15-29) न तो काम कर रहे थे और न ही काम की तलाश में थे. इसी के चलते जब वो 15 से 29 साल की उम्र तक काम करेंगे नहीं या फिर तलाश नहीं करेंगे तो फिर शादी कैसे करेंगे?
आखिरी बार कब बड़ी थी आबादी
कोरिया दुनिया के ऐसे देशों में हैं जो सबसे ज्यादा घटती आबादी का सामना कर रहे हैं. मॉर्गन स्टेनली के प्रमुख कोरिया और ताइवान के अर्थशास्त्री कैथलीन ओह कहते हैं, सरकार ने जून में राष्ट्रीय जनसांख्यिकीय आपातकाल की घोषणा की थी और उस समय सरकार ने देश के हालात को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया था.
अच्छी खबर यह है कि तात्कालिकता की भावना सभी में ज्यादा दिख रही है, जिससे सुधार होने और ग्रोथ होने की संभावना है. साउथ कोरिया में आखिरी बार 1991-1996 में बच्चों की आबादी में बढ़त दर्ज की गई थी. इसी के बाद अब देश का मकसद 2030 तक फर्टिलिटी रेट को 1 तक पहुंचाना है, जोकि मानक फर्टिलिटी रेट 2.1 से काफी दूर है.
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