
रंजना नचियार.
अभिनेत्री रंजना नचियार के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ लिया है और विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) में शामिल हो गई हैं. भाजपा से उनका इस्तीफा ठीक एक दिन बाद आया है, जब राज्य में तीन-भाषा फॉर्मूले के माध्यम से हिंदी को भाजपा द्वारा कथित रूप से थोपे जाने के खिलाफ लगातार असंतोष बढ़ रहा है.
आठ साल पहले भाजपा में शामिल होने वाली नचियार ने सार्वजनिक रूप से पार्टी की नीतियों के प्रति अपनी असहमति व्यक्त की और अपने त्यागपत्र का मुख्य कारण विवादास्पद तीन-भाषा नीति को बताया.
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🙏@BJP4TamilNadu @annamalai_k @KesavaVinayakan @blsanthosh pic.twitter.com/rkFMplsjA2
— Ranjana Natchiyaar (@RanjanaNachiyar) February 25, 2025
उनके त्यागपत्र में एक तमिल महिला के रूप में उनकी चिंताओं को उजागर किया गया, जिसमें उन्होंने हिंदी को जबरन थोपे जाने, द्रविड़ पहचान के प्रति बढ़ती दुश्मनी और तमिलनाडु की जरूरतों और आकांक्षाओं की कथित उपेक्षा को स्वीकार करने में असमर्थता व्यक्त की.
नचियार ने भाजपा से तोड़ा नाता, बताई ये वजह
नचियार ने लिखा, “एक तमिल महिला के रूप में, मैं तीन-भाषा नीति को लागू किए जाने, द्रविड़ों के प्रति बढ़ती दुश्मनी और तमिलनाडु की जरूरतों और आकांक्षाओं की उपेक्षा को स्वीकार नहीं कर सकती.”
लोकप्रिय अभिनेता विजय के नेतृत्व वाली राजनीतिक पार्टी टीवीके टीवीके की सालगिरह के एक कार्यक्रम के दौरान, नचियार ने विजय के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की, उन्हें अगला एमजीआर बताया.
उन्होंने कहा कि महान अभिनेता-राजनेता एमजी रामचंद्रन ने तमिलनाडु की राजनीति को गहराई से आकार दिया. उन्होंने टीवीके के राष्ट्रवाद और द्रविड़ नीतियों की सराहना की.
भाजपा की तीन भाषा पॉलिसी का किया विरोध
नचियार के कदम को व्यापक रूप से भाजपा द्वारा अपने तीन-भाषा फॉर्मूले का विरोध माना जा रहा है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का एक प्रमुख घटक है. यह नीति स्कूलों में तीसरी भाषा पढ़ाने की वकालत करती है, जिसका तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) पार्टी और विपक्षी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) से तीखा विरोध कर रही है.
डीएमके और एआईएडीएमके ने अपनी पारंपरिक प्रतिद्वंद्विता के बावजूद नेशनल एडुकेशन पॉलिसी और भाजपा के कार्यों के प्रति विरोध जताया है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मुखर आलोचना, उन पर फंड रोके जाने को लेकर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है, हालांकि धर्मेंद्र प्रधान ने इसका खंडन किया है.
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