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दिल्ली AIIMS के रूमेटोलॉजी डिपार्टमेंट में नया वार्ड बना, इन मरीजों को होगा फायदा

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Feb 21, 2025    1508119 views     Online Now 261
दिल्ली AIIMS के रूमेटोलॉजी डिपार्टमेंट में नया वार्ड बना, इन मरीजों को होगा फायदा

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नई दिल्ली एम्स के रूमेटोलॉजी डिपार्टमेंट में नया वार्ड बन गया है. इस वार्ड में 20 हेड हैं और यह सभी अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं. इस वार्ड में आर्थराइटिस से लेकर रूमेटाइड आर्थराइटिस और जोडो़ं व मांसपेशियों से संबंधित बीमारियों के मरीजों को भर्ती किया जाएगा. एम्स में रूमेटोलॉजी डिपार्टमेंट से इलाज कराने के लिए देशभर से हर दिन करीब 400 मरीज आते हैं. कुछ मरीजों को भर्ती करने की जरूरत भी पड़ती है. विभाग में आने वाले मरीजों को पहले दूसरे वार्ड में रखा जाता था, लेकिन अब नया वार्ड बनने के बाद मरीज इसमें भर्ती हो सकेंगे.

एम्स नई दिल्ली के रूमेटोलॉजी विभाग की एचओडी डॉ. उमा कुमार ने बताया कि अब मरीजों को रूमेटोलॉजी डिपार्टमेंट के ही वार्ड में बेड मिल सकेगा, जहां डॉक्टरों की निगरानी में मरीजों का इलाज किया जाएगा. शुक्रवार से यह वार्ड मरीजों के लिए शुरू हो गया है. नए वार्ड के लिए डॉक्टर्स, स्टाफ और अन्य मेडिकल और स्टाफ को नियुक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि एम्स में 2015 में आधिकारिक रूप से रूमेटोलॉजी विभाग की स्थापना हुई. यहां मरीजों के लिए डे-केयर सुविधा थी और अब मरीजों को वार्ड की सुविधा मिलेगी. ओपीडी में आने वाले या इमरजेंसी में आने वाले जिन मरीजों को रूमेटोलॉजी विभाग में इलाज कराना है उनको यहां भर्ती किया जाएगा.

इन बीमारियों का होता है इलाज

एम्स के रूमेटोलॉजी विभाग में हड्डियों, मांसपेशियों से संबंधित बीमारियों का इलाज होता है. इसके अलावा ल्यूपस, स्पॉन्डिलाइटिस, सोरायसिस आर्थराइटिस, एंकिलोसिंग, गाउट, ऑस्टियोपोरोसिस और कई तरह की ऑटोइम्यून बीमारियों का भी इलाज होता है. एम्स में देश के कई राज्यों से आकर मरीज इन बीमारियों का इलाज कराते हैं. रूमेटोलॉजी विभाग में हड्डियों की कई तरह की बीमारी, गठिया से लेकर आर्थराइटिस से संबंधित हर डिजीज का इलाज किया जाता है. यहां विशेष तकनीकों की मदद से मरीजों को सुविधा दी जाती है.

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कम उम्र में भी हो रही बीमारी

देश में आर्थराइटिस के मरीजों की संख्या पहले की तुलना में बढ़ी है. अब कम उम्र में ही लोगों को आर्थराइटिस जैसी बीमारियां हो रही हैं. खानपान की गलत आदतें और लाइफस्टाइल इन बीमारियों के होने का एक बड़ा कारण है.

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