
(फाइल फोटो)
राजस्थान के जयपुर की धौलपुर पुलिस ने दुधमुंही बच्चियों की खरीद-फरोख्त कर देह व्यापार में धकेलने वाली गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश कर शुक्रवार को एक महिला तस्कर को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी महिला दिल्ली से डेढ़ लाख रुपए में दो महीने की बच्ची को खरीदकर लाई थी और बेचने का प्रयास कर रही थी.
पुलिस का मानना है कि इस जोड़े का इरादा था कि बच्ची के बड़े हो जाने पर उसे वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेल दिया जाएगा. पुलिस ने मामले में शामिल उसके पति की तलाश भी शुरू कर दी. पुलिस को आशंका है कि महिला का पति हुआ है. ऐसे में आरोपीमहिला के पति को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. आरोपी महिला की पहचान नीतू छारी के रूप में हुई है.
जन्म के तुरंत बाद खरीदी गई थी बच्ची
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह बच्ची दिल्ली के सफदरजंग इलाके में एक सिक्किम निवासी दंपत्ति की है. दंपत्ति ने जन्म के तुरंत बाद 30,000 रुपये में बच्ची को बेच दिया था. बाद में, महिला और उसके पति ने उस बच्ची को 1.5 लाख रुपये में तस्करी के दलालों से खरीदा.
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना एक अंतरराज्यीय मानव तस्करी गैंग से जुड़ी हुई है, और गैंग के अन्य सदस्य दिल्ली और मुंबई में हो सकते हैं.
एसपी का बयान
धौलपुर एसपी सुमीत महेन्द्रा ने बताया कि बच्ची का जन्म सितंबर में दिल्ली के सफदरजंग इलाके में हुआ था. ऐसे में ‘संभवत: गरीबी के कारण, सिक्किम के दंपत्ति ने बच्ची को जन्म के तुरंत बाद 30,000 रुपये में तस्करी गैंग को बेच दिया. इसके बाद, यह गैंग बच्ची को आरोपी महिला और उसके पति को 1.5 लाख रुपये में बेच दिया.
एसपी ने बताया कि यह जोड़ा मूल रूप से धौलपुर के गदर्पुरा, बाड़ी के पास का था, लेकिन वे मुंबई में रहते थे. पहले उन्होंने बच्ची को मुंबई ले जाया और फिर 4 फरवरी को उसे धौलपुर लाकर छिपाने की कोशिश की.
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाना
पुलिस ने कहा कि इस दंपत्ति से जुड़े कुछ समूह वेश्यावृत्ति में शामिल हैं और उनका संदेह है कि उन्होंने बच्ची को तस्करी कर वेश्यावृत्ति में धकेलने के उद्देश्य से खरीदा था. पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि दंपत्ति ने बच्ची को वैध गोद लेने के नाम पर बेचने की योजना बनाई थी, और इसके लिए दिसंबर में मध्य प्रदेश में एक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र भी बनवाया था.
बचाई गई बच्ची का रखा गया नाम
नीतू के पति के बारे में जानकारी मिली है कि वह मुंबई में हो सकता है, जिसके बाद पुलिस ने उसे तलाशने के लिए एक टीम मुंबई भेजी है. एक सूचना के आधार पर पुलिस ने नीतू के घर पर छापा मारा, जहां से बच्ची को बचाया गया. पुलिस ने बच्ची का नाम ‘लाडो’ रखा है और उसे अब सरकारी आश्रय गृह में भेजा गया है.
यह मामला मानव तस्करी और बच्चों के शोषण के खिलाफ एक बड़ा खुलासा है. पुलिस इस गैंग के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है.
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