प्रयागराज. गृहमंत्री अमित शाह ने गुजरात में हिंदू आध्यात्मिक मेले का उद्घाटन कर गुजरात के लोगों से खासतौर पर युवाओं से महाकुंभ में जाने का आग्रह किया. इस दौरान गृहमंत्री ने कहा, कुंभ सद्भाव और एकता का संदेश देता है, क्योंकि वहां कोई किसी से ये नहीं पूछता कि आप किस धर्म, संप्रदाय या जाति से हैं. इतना ही नहीं गृहमंत्री ने कहा ये भी कहा कि मैंने अपने जीवन में 9 बार कुंभ में स्नान किया है और 10वीं बार कुंभ जाने वाला हूं. 27 जनवरी को मैं भी कुंभ जा रहा हूं, आप सभी जरूर जाएं.
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बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 27 जनवरी को महाकुंभ में शिरकत करेंगे. गृह मंत्री के प्रोग्राम का शेड्यूल भी जारी किया जा चुका है. इसमें संगम स्नान, गंगा पूजन और अधिकारियों के साथ बैठक शामिल है. गृह मंत्री अमित शाह के आगमन को देखते हुए यूपी पुलिस पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं.
45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
महाकुंभ में इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है. हर 12 साल बाद लगने वाले इस कुंभ में 144 साल बाद खास संयोग बन रहा है, क्योंकि अब तक 12 कुंभ पूरे हो चुके हैं. इसी वजह से इसे महाकुंभ कहा जा रहा है और इसमें आने वाला श्रद्धालुओं की संख्या पहले के किसी भी कुंभ से ज्यादा है. ऐसे में कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए यूपी सरकार ने हाईटेक उपकरणों का सहारा लिया है और इस बार AI बेस्ड कैमरे की मदद से लोगों की गिनती की जा रही है.
महाकुंभ क्यों मनाया जाता है
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ. अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं. ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक. इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है.
जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है. जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है. गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है. सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है.