Rajasthan News: केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने जयपुर में आयोजित क्षेत्रीय समीक्षा बैठक में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2030 तक देश में अक्षय ऊर्जा उत्पादन को 500 गीगावाट तक बढ़ाने और 2070 तक देश को नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन की दिशा में ले जाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। इस दिशा में केंद्र और राज्य सरकारें तेजी से काम कर रही हैं।
जोशी ने कहा कि 2032 तक देश की ऊर्जा आवश्यकता दोगुनी होने की संभावना है और इसके लिए ऊर्जा आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत अब विश्व की 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
बता दें कि जोशी मंगलवार को जयपुर के एक होटल में आयोजित नवीकरणीय ऊर्जा पर क्षेत्रीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2032 तक देश की ऊर्जा आवश्यकता दोगुनी होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि दस साल पहले भारत विश्व की 11वीं अर्थव्यवस्था था। सबसे तेज गति से प्रगति करते हुए देश आज 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र आगे बढ़ सकें, इसके लिए ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इसके लिए राज्य सरकार ने राजस्थान स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024 बनाई है, जिसमें 2030 तक 125 गीगावाट अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राजस्थान में ऊर्जा क्षेत्र में 35 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 28 लाख करोड़ रुपए से अधिक ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित हैं। इन परियोजनाओं से सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में रोजगार के बड़े अवसर उत्पन्न होंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि अब तक 25,000 घरों में रूफटॉप सोलर संयंत्र लगाए गए हैं और आगामी समय में 5 लाख घरों में यह संयंत्र लगाए जाएंगे।
केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपाद येसो नाइक ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत देश में एक करोड़ परिवारों का बिजली बिल शून्य हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कुसुम योजना ने किसानों की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा दिया है।
राज्य सरकार की योजनाओं और केंद्र सरकार के सहयोग से राजस्थान में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है, जिससे राज्य में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और निवेश में भी वृद्धि होगी।