देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) छह महीने की चुनौतियों के बाद एक बार फिर से ग्रोथ की राह पर वापस आ गई है. कंपनी की कमाई देख दुनिया भी हैरान रह गई हैं. कंपनी ने दिसंबर तिमाही में उम्मीद से बेहतर नतीजे दिए हैं. कच्चे तेल से लेकर टेलीकॉम और रिटेल सेक्टर में कार्यरत ग्रुप ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में अपनी सबसे ऊंची 43,800 करोड़ रुपए का एबिटडा दर्ज किया है.
इन आंकड़ो से पता चलता है कि समूह ने विभिन्न कारोबार क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन किया है. मुख्य रूप से कंपनी ने तेल-से-रसायन (ओ2सी) क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है. इसके अलावा कंपनी के उपभोक्ता खुदरा कारोबार में भी सुधार हुआ है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ब्रोकरेज कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज को लेकर क्या अनुमान लगा रही हैं.
मॉर्गन स्टानले का आया नोट
मॉर्गन स्टेनली ने एक नोट में कहा कि छह महीने की चुनौतियों के बाद रिलायंस वृद्धि की राह पर वापस लौट आई है. कंपनी विनाइल/पॉलिएस्टर सीरीज और फ्यूल इंपोर्ट लॉजिस्टिक्स में निवेश के साथ घरेलू बाजार पर केंद्रित अपनी रसायन क्षमता का विस्तार करना चाहती है. मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि भारत में रसायनों की मांग मजबूत बनी हुई है, जो कि सालाना 5 से 16 फीसदी की दर से बढ़ रही है.
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एचएसबीसी ग्लोबल ने अपनी रिसर्च में क्या कहा
एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च ने कहा कि उसे 2025 में ग्रुप के कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए कई उत्प्रेरक दिख रहे हैं. इसमें रिटेल सेक्टर में बदलाव, न्यू एनर्जी की शुरुआत और डिजिटल कारोबार में नई गति शामिल है. इसने कहा कि हमारा मानना है कि तीसरी तिमाही का नतीजा उम्मीदों के अनुरूप रहा है. यह निकट अवधि में उम्मीद से थोड़ा कमतर नतीजों में आखिरी है. अब हमारा मानना है कि रिटेल सेक्टर में बदलाव, न्यू एनर्जी बिजनेस की शुरुआत और डिजिटल कारोबार की रफ्तार समूह के लिए उत्प्ररेक साबित होंगे.
एचएसबीसी का मानना है कि रिटेल सेक्टर के लिए कंपनी अपने पोर्टफोलियो और उत्पादों के अनुकूलन को पूरा कर लेगी और वृद्धि की राह पर लौटेगी. अपने हाइपरलोकल मॉडल के माध्यम से कंपनी किराने की इंस्टैंट सप्लाई के कारोबार में आगे बढ़ेगी. नए ऊर्जा कारोबार की बात करें रिलायंस के मॉड्यूल उत्पादन और सेल कारोबार शुरू करने की उम्मीद है.
साथ ही कंपनी खुद के इस्तेमाल के लिए पांच से 10 गीगावाट सौर क्षमता चालू करेगी, सोडियम आयन सेल का उत्पादन बढ़ाएगी और हाइड्रोजन मैन्युफैक्चरिंग की घोषणा करेगी. एचएसबीसी ने कहा कि डिजिटल के मोर्चे पर एयरफाइबर आधारित ब्रॉडबैंड की पहुंच बढ़ने से कंपनी की प्रति ग्राहक औसत कमाई (एआरपीयू) बढ़ेगी. शुल्क वृद्धि का पूरा प्रभाव जून, 2025 तक दिखेगा.
नोमुरा का अनुमान
नोमुरा ने कहा कि निकट अवधि में तीन चीजों के जरिये रिलायंस आगे बढ़ेगी. इसमें मार्च, 2025 में शुरू होने वाला नया ऊर्जा कारोबार, जियो के लिए शुल्क वृद्धि और जियो का ही संभावित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) और उसकी सूचीबद्धता शामिल हैं. नुवामा इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने कहा कि पेट्रोरसायन विस्तार के बाद रिलायंस दुनिया में शीर्ष 10 उत्पादकों में होगी. बर्नस्टीन के अनुसार, रिलायंस समूह का तीसरी तिमाही के बेहतर नतीजों में जियो, खुदरा और खोज एवं उत्पादन क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन का योगदान रहा है.
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