• Wed. Jan 15th, 2025

8 महीने पुराना समझौता मानने को क्यों मजबूर हुए इजराइल के पीएम नेतन्याहू! क्या ये हमास की जीत?

ByCreator

Jan 15, 2025    150815 views     Online Now 113
8 महीने पुराना समझौता मानने को क्यों मजबूर हुए इजराइल के पीएम नेतन्याहू! क्या ये हमास की जीत?

बेंजामिन नेतन्याहू

पिछले 15 महीने से चले आ रहे गाजा युद्ध के रुकने का ऐलान किसी भी वक्त हो सकता है. मंगलवार को कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल अंसारी ने कहा कि इजराइल और हमास के बीच गाजा युद्ध विराम वार्ता समझौते के सबसे करीब है और समझौते का फाइनल ड्राफ्ट दोनों पक्षों को दे दिया गया है. पिछली एक साल में मध्यस्थ दोहा और काहिरा में कई बार मिले, लेकिन समझौते को आखिरी स्वरूप नहीं दिया जा सका.

इजराइल के चैनल 12 ने सोमवार को बताया था कि समझौते को यरुशलम व्यापक रूप से स्वीकार्य मान रहा है. एसोसिएटेड प्रेस ने मंगलवार को जानकारी दी कि हमास ने भी इस समझौते को स्वीकार कर लिया है. हमास के बयान में कहा गया कि चल रही वार्ता अपने आखिरी दौर में है और उन्होंने दूसरे फिलिस्तीनी गुटों को इस बारे में सूचित किया है. 28 दिसंबर से चल रही बंधक और युद्ध विराम बातचीत का आधार जुलाई में जो बाइडेन की ओर से पेश किया गया वही समझौता है, जिसे पहले इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अस्वीकार कर चुके हैं.

अब डील मानने को क्यों तैयार हुए नेतन्याहू?

जुलाई में आए जो बाइडेन वाले प्रस्ताव को हमास ने उसी रूप में स्वीकार कर लिया था, लेकिन फिर बाद में इजराइल द्वारा उत्तरी गाजा और फिलाडेल्फिया कॉरिडोर में अपनी सेना रखने की शर्त ने इस डील को होते-होते रोक दिया.

See also  गुड्डू, मुन्ना, छोटू नाम से क्या पता चलेगा... पुलिस के किस फैसले पर अखिलेश ने उठाए सवाल? | sp leader akhilesh yadav angry on bjp kanwar yatra politics

गाजा में लगातार भीषण बमबारी के बाद भी बंधकों की वापसी न होने के बाद इजराइली सड़कों पर विरोध प्रदर्शन बढ़ गए. इन प्रदर्शनों में तब तेजी और आई, जब सेना के एक अधिकारी ने ये बयान दिया कि गाजा में इजराइल सेना मिलिट्री मिशन के सभी बिंदु हासिल कर चुकी है, इसके बाद बंधकों की रिहाई सिर्फ वार्ता से ही हो सकती है.

इजराइल मीडिया के मुताबिक इजराइली कोर्ट ने कई नेतन्याहू प्रशासन के अधिकारियों पर बंधक डील को खत्म करने के लिए मुकदमा चलाया है. दूसरी ओर अमेरिकी चुनाव में डेमोक्रेट्स के हार ने बाइडेन प्रशासन को ये संदेश दिया कि सेंटर लेफ्ट और लेफ्ट वोटर्स भी गाजा युद्ध में उनके रुख को लेकर खुश नहीं है.

बच सकती थी 120 इजराइली सैनिकों की जान

अगर इस समझौते को नेतन्याहू 8 महीने पहले मान लेते, तो तब से गाजा में हुई 120 इजराइली सैनिकों और लगभग 35 हजार फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत नहीं होती. इजराइल सेना ने वार्ता के बीच भी गाजा में भीषण बमबारी की है. फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटों में गाजा में इजराइली हमलों में 63 लोग मारे गए और 281 घायल हुए हैं.

हमास की शर्तों पर समझौता

हमास शुरू से ही कहता आया है कि सीजफायर का आधार गाजा से इजराइली सेना की वापसी और स्थाई युद्धविराम होना चाहिए. मंगलवार को डील का फाइनल ड्राफ्ट भी इन्हीं मुद्दों पर तैयार हुआ, जिसमें इजराइल धीरे-धीरे गाजा से अपनी सेना बुलाएगा और पहले चरण के बाद स्थाई युद्ध विराम पर वार्ता शुरू की जाएगी.

See also  भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध : आज से शुरू हो रहा है श्राद्ध पक्ष, जानिए क्या है श्राद्ध की विधि ...

इसके अलावा इजराइल अपने बंधकों के बदले हजारों फिलिस्तीनी कैदियों को भी रिहा करेगा. इजराइल के दक्षिणपंथी नेता और संगठन इस समझौता का विरोध कर रहे हैं और नेतन्याहू को सरकार गिराने की धमकी दे रहे हैं. अब देखना होगा कि अगर सीजफायर का ऐलान होता है, तो क्या नेतन्याहू अपनी कुर्सी बचा पाएंगे…

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL