
पुरानी कार बेचने जा रहे हैं? इन डॉक्यूमेंट्स को जरूर रखें साथ
अगर आप अपनी कार बेचने की प्लानिंग बना रहे हैं, तो जरूरी है कि आपके पास सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स हों. इससे बिक्री के दौरान आपको अपनी कार की अच्छी-खासा रकम मिल जाएगी. चलिए आपको बताते हैं कार बेचते समय आपके पास कौन-कौन से डॉक्यूमेंट होने चाहिए. भारत में अपनी पुरानी कार बेचते समय सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट्स होते हैं- कार से जुड़े डॉक्यूमेंट्स, आईडेंटिफाई वेरिफिकेशन डॉक्यूमेंट, आरटीओ डॉक्यूमेंट्स.
कार से जुड़े डॉक्यूमेंट्स
- कार से जुड़े डॉक्यूमेंट्स में आरसी जरूरी है. मोटर वाहन अधिनियम 1988 के मुताबिक किसी भी वाहन को बेचते समय ये डाक्यूमेंट जरूरी है. इससे ये साबित होता है कि वाहन आपके नाम पर रजिस्टर्ड है और आप इसके कानूनी मालिक हैं. इसलिए, ये डॉक्यूमेंट आपके पास होना ही चाहिए.
- अगर आपकी आरसी चोरी हो जाती है या गुम हो जाती है, तो आपको फॉर्म 26 भरकर उसकी डुप्लीकेट कॉपी लेना होगा. ऐसा करने से पहले, अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराएं.
- प्रदूषण कंट्रोल या पीयूसी सर्टिफिकेट ये डॉक्यूमेंट दिखाता है कि आपकी कार का एमिशन सरकारी मानकों के अनुरूप है और एयर पॉल्यूशन में ज्यादा योगदान नहीं देती है. आप अपने नजदीकी पेट्रोल पंप पर जहां एमिशन चेक की सुविधा मिलती है वहां से आप अपने वाहन का पीयूसी सर्टिफिकेट ले सकते हैं.
कार बीमा
आरटीओ बिना कार बीमा के ओनरशिप ट्रांसफर की प्रक्रिया नहीं करेगा. इसलिए, कार सेल करते समय कार बीमा की जरूरत होगी.
ऑप्शनल डॉक्यूमेंट्स
इसके साथ ही आप इन ऑप्शनल डॉक्यूमेंट्स को भी अपने साथ रख सकते हैं. जैसे व्हीकल का बिल, ऑनर मैनुअल, तीसरा सर्विस हिस्ट्री रिकॉर्ड. इससे जो वाहन खरीद रहा है उसका भरोसा बढ़ जाएगा.
ऑइडिटिफिकेशन वेरिफीकेशन डॉक्यूमेंट्स
- पैन कार्ड: पैन कार्ड की सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट में से एक है.
- पते का प्रमाण: ये दस्तावेज आपके रहने की जगह की पुष्टि करता है. भारत के अधिकांश राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आपके पते के प्रमाण की स्व-सत्यापित प्रति आवश्यक है. आप अपने वर्तमान पते के साथ आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट या किसी अन्य सरकारी डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं. कुछ राज्यों में, बिजली के बिल को भी पते के प्रमाण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
आरटीओ डॉक्यूमेंट्स
- फॉर्म 28: यो एक एनओसी है. ये दिखाता है कि ओनरशिप ट्रांसफर पर कोई आपत्ति नहीं है और आपके वाहन का रिकॉर्ड ठीक है.
- फॉर्म 29: इस फॉर्म का इस्तेमाल आरटीओ को ये बताने के लिए होता है कि वाहन किसी तीसरे पार्टी को बेच दिया गया है. आपको ये पुष्टि करने के लिए फॉर्म 29 की दो कॉपी जमा करनी होगी कि कार से संबंधित सभी दस्तावेज बिक्री में शामिल खरीदार को ट्रांसफर कर दिए गए हैं.
- फॉर्म 30: यह एक कन्फर्मेशन फॉर्म है. फॉर्म 29 जमा करने के बाद, सेलर की जिम्मेदारी है कि वो फॉर्म 30 भरें और आरटीओ को सूचित करें कि ओनरशिप का ट्रांसफर तुरंत शुरू किया जाना चाहिए.
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