• Wed. Jul 16th, 2025

IIT से पासआउट छात्र भी हैं बेरोजगार, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े | 38 percent iitians from class of 2024 are yet to be placed says rti data

ByCreator

May 23, 2024    150839 views     Online Now 370

बात जब इंजीनियरिंग की हो तो हर किसी की पहली चाहत होती है आईआईटी. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि एक बार IIT में एडमिशन हो गया तो फिर करियर सेट. एक दौर था जब कैंपस प्लेसमेंट शुरू होने से पहले ही नौकरी देने वाली कंपनियों की लाइन लग जाती थी. हालांकि आज स्थिति बहुत अलग है. एक आरटीआई के हवाले से पता चला है कि 2024 में सभी 23 परिसरों में लगभग 38 प्रतिशत आईआईटीयन को अभी तक नौकरी नहीं मिली है.

आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र धीरज सिंह की तरफ से दायर आरटीआई आवेदन में ये चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए है. आईआईटी दिल्ली ने अपने पासआउट छात्रों या मौजूदा बैच के स्टूडेंट्स की मदद करने के लिए इंजीनियरों की नियुक्ति करने वाली कंपनियों को मेल तक भेजा है. आईआईटी-बॉम्बे और बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस ने भी ऐसा ही किया है.

400 छात्रों को नहीं मिली नौकरी

आईआईटी दिल्ली में एकेडमिक सेशन 2023-2024 का प्लेसमेंट सत्र समाप्त होने वाला है. आरटीआई के मुताबिक लगभग 400 छात्रों को अभी तक नौकरी नहीं मिली है. इसके आलोक में स्नातक छात्रों को नौकरी दिलाने के लिए आईआईटी अपने प्रतिष्ठित एल्यूमिनी नेटवर्क तक पहुंच रहे हैं. धीरज सिंह के आरटीआई के मुताबिक पिछले साल 329 कैंडिडेट्स को प्लेसमेंट नहीं मिली थी और 2022 के बैच से 171 छात्रों को पक्की नौकरी नहीं मिल पाई.

ये भी पढ़ें

23 आईआईटी का क्या हाल है

आरटीआई के मुताबिक इस वर्ष सभी 23 आईआईटी में 7000 से अधिक आईआईटी छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट के जरिए नियुक्त किया जाना बाकी है. दो साल पहले यह संख्या आधी यानी 3400 थी. जहां प्लेसमेंट में बैठने वाले छात्रों की संख्या 1.2 गुना बढ़ गई है, वहीं दो साल में प्लेसमेंट पाने वाले छात्रों की संख्या दोगुनी होकर 2.3 गुना हो गई है.

See also  कोलकाता रेप केस: आरजे कर में डॉक्टर के शव के पास कैसे पहुंचे ये 3 शख्स? - Hindi News | Kolkata rape case how did these 3 people reach the dead body of the doctor in rj kar

एकस्पर्ट का कहना है कि हर जगह प्लेसमेंट 20 से 30 प्रतिशत कम है, अगर कोई संस्थान कह रहा है कि सभी छात्रों को प्लेसमेंट दे दिया गया है तो नौकरियों की गुणवत्ता में बहुत कमी रह जाती है. यह पहला वर्ष है जब ChatGpt और बड़े लैंगवेज मॉडल ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है. अगर दो लोग तीन लोगों का काम कर सकते हैं तो पहले से ही काम पर रखने में 30 प्रतिशत की कमी हो जा रही है.

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL